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अब झारखंड में उठी तीन नए कृषि कानून को विधानसभा से निरस्त करने की मांग

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द फॉलोअप टीम, रांची:

अब झारखंड में तीन कृषि कानून को विधानसभा से निरस्त करने की मांग उठी है। यह मांग अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति झारखंड ने की है। इस संबंध में आज अल्बर्ट एक्का चौक स्थित सीपीआई कार्यालय में समिति की बैठक झारखंड राज्य किसान सभा के सचिव सुरजीत सिन्हा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव सह ए आई के सी सी के राज्य संयोजकमहेंद्र पाठक ने विस्तार पूर्वक आंदोलन की समीक्षा के साथ आंदोलन की रूपरेखा प्रस्तुत की। कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में झारखंड में लगातार किसान संगठनों की ओर से आंदोलन किए जा रहे हैं। दिल्ली में होने वाले किसान संगठनों के सम्मेलन में झारखंड से भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।  झारखंड से भी एक जत्था दिल्ली सिद्धू बॉर्डर पर जाएगा। बैठक में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति राज्य के उपाध्यक्ष प्रमोद साहू , अजय कुमार सिंह, इसहाक अंसारी, झारखंड राज्य किसान सभा के उपाध्यक्ष सुफल महतो, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला , अखिल भारतीय किसान महासभा के अध्यक्ष हीरा गोप , सचिव पूरन महतो, भुनेश्वर केवट, किसान संग्राम समिति के सचिव राजेंद्र गोप, शाहिद अंसारी, लोदो मुंडा, सुशांत मुखर्जी, प्रयाग महतो ,विनोद रजवार सहितकई लोग मौजूद थे। 

 

12 सितंबर को रांची में किसान कन्वेंशन

महेंद्र पाठक ने बताया कि 12 सितंबर को रांची में एक बड़ा किसान कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा। 4 अक्टूबर को हजारों की संख्या में लोग राजभवन मार्च करेंगे। 3 सितंबर से झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में झारखंड की सरकार किसान विरोधी तीनों काला कानून को निरस्त कर महामहिम राष्ट्रपति को भेजे। साथ ही झारखंड में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाएं, राज्य में विस्थापन से पहले पुनर्वास की गारंटी करें, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करे , अधिकृत जमीन के बदले किसानों की जमीन मुहैया कराए, गैरमजरूआ भूमि को भूमि बैंक से मुक्त कर मालिकाना हक किसानों को दें ,आदि कई मांगों को लेकर राज्य भर में प्रमंडलीय जिला स्तरीय प्रखंड स्तरीय कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई गई। सरकार से मांग की गई कि राज्य के किसानों की लड़ाई में सरकार साथ दे और किसानों की समस्या का समाधान करें। बैठक में शहीद किसानों के सम्मान में 1 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।